20 मई 2021 गुरुवार "वीरवासरे" का पंचांग "ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार" जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
दिनांक:- 20 मई 2021 वार:- गुरुवार (वीरवासरे) तिथि:- अष्टमी प्रातः ०६:४८ तक तदोपरांत नवमी पक्ष:- शुक्ल पक्ष माह:- वैशाख गोल:- उत्तर नक्षत्र:- मघा दिन ११:०५ तक तदोपरांत पूर्वाफाल्गुनी योग:- व्याघात रात्रि ०७:०९ तक तदोपरांत हर्षण करण:- बव उपरांत बालव सूर्य:- वृषभ सूर्य स्पष्ट:- ०४°५३'३५" चंद्रमा:- सिंह मंगल:- मिथुन बुध:- वृषभ गुरु:- कुंभ शुक्र:- वृषभ शनि:- मकर राहु:- वृषभ केतु:- वृश्चिक अयन:- उत्तरायण सूर्योदय:- ०५:२१ (काशी) सूर्योदय:- ०५:३२ (दिल्ली) सूर्योदय:-०५:४१ (सालासर) सूर्यास्त:- ०६:३९ (काशी) सूर्यास्त:- ०७:०३ (दिल्ली) सूर्यास्त:- १९:१४ (सालासर) दिनमान:- ३३:१७ (काशी) दिशा शूल:- उत्तर निवारण उपाय:- तिल का सेवन ऋतु:- ग्रीष्म ऋतु गुलिक काल:- ०९:०० से १०:३० राहु काल:- १३:३० से १५:०० अभिजीत मुहर्त:- १२:०३ से १२:५१ विक्रम संवत:- २०७८ संवत्सर नाम:- आनंद शक संवत:- १९४३ युगाब्ध:- ५१२३
[video width="640" height="352" mp4="https://astrologysutras.com/wp-content/uploads/2021/05/आत्मविरेश्वर-महादेव-पूजन.mp4"][/video]सूर्योदयकालीन दैनिक स्पष्टभौमादिग्रह
मंगल:- २०°५५'०३" बुध:- २४°४२'३६" गुरु:- ०७°५४'१४" शुक्र:- २०°१०'३०" शनि:- १५°२३'३४" राहु:- १७°१३'२२" केतु:- १७°१३'२२"
लग्न सारणी समाप्ति समय (दिन)
वृषभ लग्न:- ०६:५७ तक मिथुन लग्न:- ०९:११ तक कर्क लग्न:- ११:२९ तक सिंह लग्न:- ०१:४३ तक कन्या लग्न:- ०३:५६ तक तुला लग्न:- ०६:१२ तक
लग्न सारणी समाप्ति समय (रात्रि)
वृश्चिक लग्न:- ०८:२९ तक धनु लग्न:- १०:३५ तक मकर लग्न:- १२:२२ तक कुंभ लग्न:- ०१:५३ तक मीन लग्न:- ०३:२१ तक मेष लग्न:- ०५:५८ तक
चौघड़िया दिन
शुभ:- ०५:४१ से ०७:२३ चंचल:- १०:४५ से १२:२६ लाभ:- १२:२६ से १४:०७ अमृत:- १४:०७ से १५:४८ शुभ:- १७:२९ से १९:१४
चौघड़िया रात
अमृत:- १९:१४ से २०:३२ चंचल:- २०:३२ से २१:५१ लाभ:- ००:२९ से ०१:४८ शुभ:- ०३:०७ से ०४:२६ अमृत:- ०४:२६ से ०५:४१
आज के विशेष योग
वर्ष का ३८ वाँ दिन, श्री सीता नवमी (स्वम् सिद्ध अबूझ मुहर्त), जानकी जन्मोत्सव, रवि योग दिन में ११:०५ से, गुरु को मघा नक्षत्र में सूर्य का वेध समाप्त है किंतु चन्द्रमा से भुक्त न होने पर अशुभ है, रिक्ता तिथि है, नवमी तिथि व पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में रोगविमुक्त स्नान मुहर्त है, दुर्गाष्टमी, देवी बगलामुखी जयंती, जैन अष्टमी, गंडमूल १५:५७ तक।
वास्तु टिप्स
मुख्य द्वार के सामने किसी दूसरे के घर का कोना या चौराहा नही होना चाहिए।