23 मई 2021 रविवार "भानुवासरे" का पंचांग "ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार" जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
दिनांक:- 23 मई 2021 वार:- रविवार (भानुवासरे) तिथि:- द्वादशी रात्रि १२:०९ तक तदोपरांत त्रयोदशी पक्ष:- शुक्ल पक्ष माह:- वैशाख गोल:- उत्तर नक्षत्र:- हस्त दिन ०८:३७ तक तदोपरांत चित्रा योग:- सिद्धि दिन ११:५७ तक तदोपरांत व्यतिपात करण:- विष्टि उपरांत बव सूर्य:- वृषभ सूर्य स्पष्ट:- ०७°४६'०३" चंद्रमा:- कन्या रात्रि ०७:५४ तक तदोपरांत रात्रि ०७:५५ से तुला मंगल:- मिथुन बुध:- वृषभ गुरु:- कुंभ शुक्र:- वृषभ शनि:- मकर राहु:- वृषभ केतु:- वृश्चिक अयन:- उत्तरायण सूर्योदय:- ०५:१९ (काशी) सूर्योदय:- ०५:३० (दिल्ली) सूर्योदय:- ०५:३९ (सालासर) सूर्यास्त:- ०६:४१ (काशी) सूर्यास्त:- ०७:०५ (दिल्ली) सूर्यास्त:- ०६:१६ (सालासर) दिनमान:- ३३:२३ (काशी) दिशा शूल:- पश्चिम निवारण उपाय:- घी का सेवन ऋतु:- ग्रीष्म ऋतु गुलिक काल:- १५:०० से १६:३० राहु काल:- १६:३० से १८:०० अभिजीत मुहर्त:- १२:०३ से १२:५१ विक्रम संवत:- २०७८ संवत्सर नाम:- आनंद शक संवत:- १९४३ युगाब्ध:- ५१२३
[video width="640" height="352" mp4="https://astrologysutras.com/wp-content/uploads/2021/05/VID-20210522-WA0044.mp4"][/video]सूर्योदयकालीन दैनिक स्पष्टभौमादिग्रह
मंगल:- २२°४३'०२" बुध:- २८°०४'३३" गुरु:- ०८°०३'१८" शुक्र:- २३°५१'३०" शनि:- १५°२४'३५" राहु:- १७°०३'५०" केतु:- १७°०३'५०"
लग्न सारणी समाप्ति समय (दिन)
वृषभ लग्न:- ०६:४३ तक मिथुन लग्न:- ०८:५७ तक कर्क लग्न:- ११:१५ तक सिंह लग्न:- ०१:२९ तक कन्या लग्न:- ०३:४२ तक तुला लग्न:- ०५:५८ तक
लग्न सारणी समाप्ति समय (रात्रि)
वृश्चिक लग्न:- ०८:१५ तक धनु लग्न:- १०:२१ तक मकर लग्न:- १२:०८ तक कुंभ लग्न:- ०१:३९ तक मीन लग्न:- ०३:०७ तक मेष लग्न:- ०५:४४ तक
चौघड़िया दिन
चंचल:- ०७:२२ से ०९:०४ लाभ:- ०९:०४ से १०:४६ अमृत:- १०:४६ से १२:२८ शुभ:- १४:१० से १५:५२
चौघड़िया रात
शुभ:- १९:१६ से २०:३३ अमृत:- २०:३३ से २१:५१ चंचल:- २१:५१ से २३:०९ लाभ:- ०१:४५ से ०३:०३ शुभ:- ०४:२१ से ०५:४०
आज के विशेष योग
वर्ष का ४१ वाँ दिन, तुला राशि के चंद्र रात्रि ०७:५५ से, वैष्णवों का एकादशी व्रत, परशुराम द्वादशी, रुक्मणि द्वादशी (बंगाल), सर्वार्थसिद्धि तथा अमृत सिद्धि योग दिन ०८:३७ तक, द्विपुष्कर योग दिन ०८:३७ से रात्रि १२:०९ तक, हस्त नक्षत्र में नवीन खटिया-चौकी आदि का उपभोग, नवीन वस्त्र धारण, आभूषण निर्माण, नवनिर्माण, विद्यारम्भ, जलाशयारामसुर प्रतिष्ठा व वाहन खरीदने का मुहर्त वृषभ लग्न अर्थात प्रातः ०६:४३ तक है तदोपरांत दिन ०८:३७ के बाद व्यतिपात दिन ११:५७ के पूर्व चित्रा नक्षत्र में वाटिका रोपण, विद्यारम्भ, ऑपेरशन आदि का मुहर्त सिंह लग्न अर्थात ११:१५ से ११:५७ तक है त्रिस्पृशा महा द्वादशी व्रत, श्री हित हरिवंश महाप्रभु जयंती, लक्ष्मी नारायण एकादशी (उड़ीसा में), राधा-रुक्मणि द्वादशी, गुरु अमरदास जयंती (नवीन मत से), मधुसूदन पूजा, मेला डूंगरी जातर प्रारंभ (मनाली, हिमांचल)।
वास्तु टिप्स
सामने वाले मकान की सीढियाँ भी मुख्य द्वार के सामने होना अशुभ होता है।