24 मई 2021 सोमवार "चंद्रवासरे" का पंचांग "ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार" जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
दिनांक:- 24 मई 2021 वार:- सोमवार (चंद्रवासरे) तिथि:- त्रयोदशी रात्रि ०९:५० तक तदोपरांत चतुर्दशी पक्ष:- शुक्ल पक्ष माह:- वैशाख गोल:- उत्तर नक्षत्र:- चित्रा दिन ०७:१३ तक तदोपरांत स्वाति योग:- व्यतिपात दिन ०९:०५ तक तदोपरांत वरीयान करण:- कौलव उपरांत तैतिल सूर्य:- वृषभ सूर्य स्पष्ट:- ०८°४३'२९" चंद्रमा:- तुला मंगल:- मिथुन बुध:- वृषभ गुरु:- कुंभ शुक्र:- वृषभ शनि:- मकर राहु:- वृषभ केतु:- वृश्चिक अयन:- उत्तरायण सूर्योदय:- ०५:१९ (काशी) सूर्योदय:- ०५:३० (दिल्ली) सूर्योदय:- ०५:३९ (सालासर) सूर्यास्त:- ०६:४१ (काशी) सूर्यास्त:- ०७:०५ (दिल्ली) सूर्यास्त:- ०७:१६ (सालासर) दिनमान:-३३:२५ (काशी) दिशा शूल:- पूर्व निवारण उपाय:- दूध का सेवन ऋतु:- ग्रीष्म ऋतु गुलिक काल:- १३:३० से १५:०० राहु काल:- ०७:३० से ०९:०० अभिजीत मुहर्त:- १२:०३ से १२:५१ विक्रम संवत:- २०७८ संवत्सर नाम:- आनंद शक संवत:- १९४३ युगाब्ध:- ५१२३
सूर्योदयकालीन दैनिक स्पष्टभौमादिग्रह
मंगल:- २३°१९'२६" बुध:- २८°४५'२८" गुरु:- ०८°०९'१९" शुक्र:- २४°०४'५९" शनि:- १५°२४'५६" राहु:- १७°००'३९" केतु:- १७°००'३९"
लग्न सारणी समाप्ति समय (दिन)
वृषभ लग्न:- ०६:३९ तक मिथुन लग्न:- ०८:५३ तक कर्क लग्न:- ११:११ तक सिंह लग्न:- ०१:२५ तक कन्या लग्न:- ०३:३८ तक तुला लग्न:- ०५:५४ तक
लग्न सारणी समाप्ति समय (रात्रि)
वृश्चिक लग्न:- ०८:११ तक धनु लग्न:- १०:१७ तक मकर लग्न:- १२:०४ तक कुंभ लग्न:- ०१:३५ तक मीन लग्न:- ०३:०३ तक मेष लग्न:- ०५:४० तक
चौघड़िया दिन
अमृत:- ०५:३९ से ०७:२१ शुभ:- ०९:०३ से १०:४५ चंचल:- १४:०९ से १५:५१ लाभ:- १५:५१ से १७:३३ अमृत:- १७:३३ से १९:१६
चौघड़िया रात
चंचल:- १९:१६ से २०:३४ लाभ:- २३:१० से ००:२८ शुभ:- ०१:४६ से ०३:०४ अमृत:- ०३:०४ से ०४:२२ चंचल:- ०४:२२ से ०५:३९
आज के विशेष योग
वर्ष का ४२ वाँ दिन, सोम प्रदोष व्रत पुत्र प्राप्ति के लिए, यायीजयोग दिन ०७:१३ से रात्रि ०९:५० तक, रवि योग दिन ०७:१३ से आरंभ, दिन ०९:१५ के बाद स्वाति नक्षत्र में अन्नप्राशन, गर्भाधान, औषध सेवन, चौलमुण्डन व जलाश्यारामसुरप्रतिष्ठा, वाहन खरीदने का व फसल काटने का शुभ मुहर्त दिन में ११:११ से ०१:२४ तक है, स्वाति नक्षत्र में विवाह मुहर्त है, ग्रीष्मोत्सव प्रारंभ तीन दिवस का माऊँट आबू (राजस्थान), वैशाख शुक्ल त्रयोदशी, कामदेव व्रत व श्री श्री 1008 संत शिरोमणि मोहनदास जी समाधि दिवस सालासर बालाजी मंदिर में।
वास्तु टिप्स
मुख्य द्वार के अतिरिक्त अन्य सभी द्वार व सभी खिड़कियों के ऊपरी किनारे एक ही सीध में व सरल रेखा में होने चाहिए ऐसा न होने पर अनिष्टकारी फल होता है।