अंतर्दशा निकालने की सबसे सरल विधि----Astrology Sutras
दशा और आपके प्रश्न
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दशा व उसका भोग्यकाल निकालने की सबसे सरल विधि जानें, कैसे ज्ञात किया जाए कि व्यक्ति का जन्म किस दशा में हुआ है व उस दशा का भोग्यवर्ष क्या होगा।
प्रत्येक ग्रह की दशा में ९ ग्रह की अंतर्दशा होती है जैसे सूर्य की महादशा में पहली अंतर्दशा सूर्य की, दूसरी चंद्र की, तीसरी मंगल की, चतुर्थ राहु की, पांचवीं गुरु की, छठी शनि की, सातवीं बुध की, आठवीं केतु की व नौवीं शुक्र की इसी प्रकार अन्य ग्रहों में भी समझना चाहिए आशय यह है कि जिस ग्रह की दशा हो उससे सूर्य, चंद्र, भौम के क्रमानुसार अन्य नवग्रहों की अन्तर्दशाएँ होती हैं।
अंतर्दशा निकालने का एक सबसे सरल नियम यह है कि दशा-दशा का परस्पर गुणा कर १० से भाग देने से लब्ध मास और शेष को ३ से गुणा करने से दिन होंगे।
६×६= ३६
३६÷१०= ३ मास, शेष ६
६×३= 18 दिन
अर्थात ३ मास १८ दिन सूर्य की अंतर्दशा रहेगी।
६×१०= ६०, ६०÷१०= ६ मास।
मंगल:-६×७= ४२, ४२÷१०= ४ मास शेष २, २×३= ६ दिन अर्थात ४ मास ६दिन।
राहु:-६×१८= १०८, १०८÷१०= १० मास शेष ८, ८×३= २४ दिन अर्थात १० मास २४ दिन।
गुरु:-६×१६= ९६, ९६÷१०= ९ मास शेष ६, ६×३= १८ दिन अर्थात ९ मास १८ दिन।
शनि:-६×१९= ११४, ११४÷१०= ११ मास शेष ४, ४×३= १२ दिन अर्थात ११ मास १२ दिन।
बुध:-६×१७= १०२, १०२÷१०= १० मास शेष २, २×३= ६ दिन अर्थात १० मास ६ दिन।
केतु:-६×७= ४२, ४२÷१०= ४ मास शेष २, २×३= ६ दिन अर्थात ४ मास ६दिन।
शुक्र:-६×२०= १२०, १२०÷१०= १२ मास अर्थात १ वर्ष।