जीवन में सर्वोच्च धन लाभ का समय: जानें कुंडली से कैसे ज्ञात किया जाए कि किस आयु में व्यक्ति को सर्वोच्च धन लाभ होता है
◆ सूर्य:- 7 ◆ चंद्र:- 3 ◆ मंगल:- 10 ◆ बुध:- 6 ◆ गुरु:- 9 ◆ शुक्र:- 5 ◆ शनि:- 1 ◆ राहु:- 0 ◆ केतु:- 0
शुक्र:- 5, सूर्य:- 7, शनि:- 1 व बुध:- 6 इन ग्रहों के मूलांक है जिनका योगफल 5+7+1+6= 19 प्राप्त होता है।
अब उपरोक्त बताए गए सूत्र के अनुसार प्रथम/लग्न, द्वितीय, चतुर्थ, नवम व एकादश भाव में स्थित अंक का योगफल व इन्ही भावों में स्थित ग्रह के मूलांक के योगफल को जोड़ देने पर 43+19= 62 प्राप्त होता है। उपरोक्त बताए गए सूत्र के अनुसार हम अब इस योगफल में 12 का भाग देंगे:-62÷12= 5
शेष:- 2
अब उपरोक्त कुंडली में बताए गए सूत्र अनुसार धनेश शनि लग्न में स्थित है और लग्न से द्वितीय भाव हमें धन भाव ही प्राप्त होता है जहाँ 10 लिखा हुआ है जिनके स्वामी शनि है अतः इस जातक/जातिका को शनि की दशा में सर्वोच्च धन लाभ होगा तथा धन भाव में शुक्र व राहु स्थित है अतः जब शनि की दशा में शुक्र व राहु की अंतर्दशा आएगी तब इन जातक/जातिका को अपने जीवनकाल का सर्वोच्च धन प्राप्त होगा।