कोरोना और ज्योतिष: जानिए ज्योतिष शास्त्र व धर्म शास्त्र के अनुसार कुछ ऐसे उपाय जिनसे कोरोना से बचा जा सकता है
कोरोना से बचाव हेतु ज्योतिष शास्त्र व धर्म शास्त्र के कुछ अचूक उपाय
पिछले लेख में मैंने अपने इष्ट, आराध्य व अपने गुरु (श्री हनुमान जी व बाबा महादेव) की कृपा से कोरोना महामारी पर सूक्ष्म विवेचना की थी जिसमें मुझे यह ज्ञात हुआ था कि कोरोना महामारी का प्रकोप २०२१ पूर्ण वर्ष रहेगा तथा २० अगस्त २०२१ और १३ फरवरी २०२२ को गोचर में ग्रहों की स्थिति सुधरने पर इनमे कुछ कमी दिखाई देगी व १३ फरवरी २०२२ के बाद कोरोना से काफी हद तक राहत मिलती दिख रही है चूँकि आजाद भारत की कुंडली (जिसका फलादेश शीघ्र ही उपलब्ध करायूँगा।) के अध्यन से यह ज्ञात होता है कि वर्ष २०२२ भी अनेक प्रकार की विपत्तियों, बीमारियों, चोरी व अग्नि से जान-माल की हानि, उपद्रव, हिंसा, चक्रवात वाला होगा क्योंकि आजाद भारत की कुंडली के द्वादश भाव से राहु व षष्ठ भाव से केतु का गोचर रहने वाला होगा।
कोरोना एक ऐसी बीमारी है जो कि किसी भी प्रकार से समझ नही आ रही यदि विज्ञान के नजरिए से भी देखें तो जाँच में इस बीमारी के शरीर में होने का नही पता चलता बल्कि इस बीमारी से शरीर में जो बदलाव हुए हैं उनके बारे में पता चलता है कारण यह कि कोरोना महामारी राहु द्वारा जनित है मुझे पता है यहाँ बहुत से लोग यह प्रश्न जरूर उठाएंगे कि गोचर में शनि, केतु व गुरु की युति के समय इस बीमारी का उद्गम हुआ था तो मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि मैं इस बात को नही नकार रहा कि यह बीमारी उपरोक्त ग्रहों की गोचर में युति से उत्पन्न हुई है, मैंने अपने पूर्व के लेख जिसमें मैंने राहु व केतु के गोचर परिवर्तन के विषय पर लेख लिखा था कि इस गोचर की सबसे विचित्र बात यह रहने वाली है कि हमेशा राहु को नियंत्रण में करने वाला ग्रह केतु इस बार खुद नियंत्रण के बाहर रहेगा जिसे नियंत्रित इस बार राहु करेंगे अतः इस बीमारी के उत्पन्न होने का मुख्य कारण राहु ही हैं चूँकि राहु अपने गुरु, शुक्र की राशि वृषभ से गोचर कर रहे हैं तो और भी बली अवस्था में गोचर रहे हैं और प्रश्न कुंडली (जिसका फलादेश पूर्व के आर्टिकल में किया था।) उसके हिसाब से मारक स्थान पर एक साथ ४ अशुभ योग का बनना कोरोना से भयावह स्थिति उत्पन्न करने की ओर दर्शा रहा था अतः कल की प्रश्न कुंडली को ध्यान में रखते हुए व साथ ही धर्मशास्त्रों के कुछ अचूक उपायों को मैं आप सभी के समक्ष रखता हूँ जिन्हें करने से आपको निश्चय ही लाभ होगा।