लग्न कुंडली के एकादश भाव में सूर्य का फल--Astrology Sutras
बहुतरधनभागी चायसंस्थे दिनेशे नरपति गृहसेवी भोगहीनो गुणज्ञ:। कृशतनु धनयुक्त: कामिनिचित्तहारी भवति चपलमूर्ति: जातिवर्ग प्रमोदी।।
अर्थात यदि लग्न कुंडली के एकादश भाव में सूर्य हो तो व्यक्ति को बहुधनवान होने का सौभाग्य प्राप्त होता है तथा ऐसे व्यक्ति राजसेवक होते हैं कहने का आशय यह है कि इन्हें राज कर्मचारी बनने का अवसर प्राप्त होता है तथा ऐसे व्यक्ति गुणवान होने के साथ-साथ दूसरों के गुणों की कदर करने वाले होते हैं किंतु इनका शरीर दुबला-पतला होता है और ऐसे व्यक्ति इतने रूपवान और मनोहर होते हैं कि इन्हें देखते ही कामिनी किशोरियों का चित्त फड़क उठता है और सुंदर स्त्रियाँ इनकी ओर खिंची हुई स्वम् ही चली आती है अर्थात ऐसे व्यक्ति मूर्तिमान कामदेव ही होते हैं, मंत्रेश्वर महाराज जी ने फलदीपिका में कहा है कि जिन व्यक्तियों की लगन कुंडली के एकादश भाव में सूर्य हो वह धनी और दीर्घायु होते हैं किंतु इन्हें अपने किसी अत्यधिक प्रिय की मृत्यु से अत्यधिक शोक सहन करना पड़ता है और ऐसे व्यक्ति राजा अथवा जनगण के मुखिया होते हैं साथ ही ऐसे व्यक्ति नेक सलाह देने वाले, सुंदर नेत्रों वाले व गायन विद्या में रुचि रखने वाले होते हैं। ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुभव व मत अनुसार यदि लग्न कुंडली के एकादश भाव में सूर्य हो तो ऐसे व्यक्ति अत्यधिक धनी, २५ वें वर्ष में वाहन सुख प्राप्त करने वाले, अनेक नौकर-चाकर से युक्त किंतु सूर्य का पापी ग्रह से संबंध बनाने पर अत्यधिक धन व्यय करने वाले होते हैं, ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुसार यदि लग्न कुंडली के एकादश भाव में सूर्य हो तो और पाप ग्रह से दृष्ट हो तो व्यक्ति को कोई न कोई दुःख प्रायः बना ही रहता है जैसे कभी संपत्ति का अभाव तो कभी संतति का अभाव होता है साथ ही एकादश भाव का सूर्य बड़े भाई के लिए शुभ नही होता है, एकादश भाव में यदि सूर्य मेष राशि का हो तो संतति का अभाव रहता है, मिथुन राशि का हो तो पुत्र का सुख नही मिलता कहने का आशय यह है कि या तो पुत्र से वैचारिक मतभेद रहता है या पुत्र को किसी प्रकार का कष्ट रहता है या पुत्र कहीं दूसरे स्थान में वास करता है या पुत्र की मृत्यु हो जाती है, यदि सिंह राशि का सूर्य हो तो अत्यधिक परिश्रम करने पर ही बड़ी सफलता मिलती है तथा कन्या संतति अधिक रहती है, यदि तुला राशि का हो तो धन, सम्मान, कीर्ति आदि सभी मिलते हैं लेकिन मन शांत नही रहता, यदि धनु राशि का सूर्य एकादश भाव में हो तो व्यक्ति कानून का विशेषज्ञ होता है, यदि कुंभ राशि का सूर्य हो तो कठिन परिश्रम से सफलताएं मिलती है किंतु पुत्र सुख उत्तम रहता है। ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुसार यदि लग्न कुंडली के एकादश भाव में सूर्य किसी भी पुरुष राशि का हो वह बड़े भाई के लिए अशुभ रहता है अर्थात या तो बड़े भाई की मृत्यु हो जाती है या बड़े भाई को कोई कष्ट रहता है या बड़े भाई से झगड़े होते रहते हैं साथ ही ऐसे व्यक्तियों को संपत्ति अवश्य ही मिलती है किंतु उसके लिए इन्हें अत्यधिक परिश्रम करना पड़ता है, यदि स्त्री राशि का सूर्य एकादश भाव में हो तो व्यक्ति को संतति व संपत्ति दोनो ही सुख मिलते हैं तथा संपत्ति अचानक से मिलती है। जय श्री राम। Astrologer:- Pooshark Jetly Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope) Mobile:- 9919367470, 7007245896 Email:- pooshark@astrologysutras.com