मिथुन राशि: जानिए, मिथुन राशि वाले व्यक्तियों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
मिथुन राशि वाले व्यक्तियों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बाते
मिथुन राशि वाले व्यक्तियों के नेत्र काले व बाल कुछ घुंघराले होते हैं साथ ही ऐसे व्यक्ति स्त्री विलास में बहुत अनुरक्त रहते हैं परंतु बुद्धिमान भी होते हैं और दूसरे की मंशा को बड़ी सहजता से समझ जाते हैं, मिथुन राशि वालों की नाक ऊंची होती है और इन्हें नाच-गाना अत्यंत प्रिय होता है, ऐसे व्यक्ति अपने मकान में (कमरे के अंदर) ही रहना अधिक पसंद करते हैं अर्थात मेष राशि वालों की तरह इन्हें भ्रमण पसंद नही होता है, मिथुन राशि वाले व्यक्ति ग्रामीण स्त्रियों के लिए चतुर, विद्वान, दृढ़ मित्र, मिष्ठान के प्रेमी, सुशील, कम बोलने वाले, कुटुंब के प्रति समर्पित, कौतुक प्रेमी, रति प्रिय, गुणी, भोगी, दानी, धार्मिक कार्यों में रुचि रखने वाले, चतुर, शास्त्रों के ज्ञाता, शांतचित्त परंतु मिश्रित स्वभाव वाले, कुशाग्र बुद्धि वाले, पुस्तक प्रेमी, मानसिक एवं शारीरिक कार्य में तत्पर रहने वाले, सर्व प्रिय व सर्व प्रेमी, गौरव युक्त, दूत कर्म करने वाले, अधिक भोजन करने वाले, रूपवान और हास्यशील होते हैं, मिथुन राशि वाले व्यक्तियों की आँखे गुलाबी रंग की होती है और शरीर पर तिल, लहसन आदि का निशान रहता है, ऐसे व्यक्ति काम शास्त्र में निपुण अतएव स्त्री सुखों व स्त्रियों का इच्छुक होते हैं जिस कारण से कभी-कभी इनकी दो शादी भी होती है किंतु संतानों की संख्या अपेक्षाकृत कम रहती है, मिथुन राशि वाले व्यक्ति भाग्यवान होते है और कदापि ही (अशुभ ग्रहों के योग के कारण) धनहीन होते हैं, ऐसे व्यक्तियों को अचानक किसी अपरिचित स्थान से धन मिलना संभव होता है और ऐसे व्यक्तियों के एक से अधिक व्यवसाय होते हैं कहने का आशय यह है कि ऐसे व्यक्तियों की आय एकाधिक माध्यमों से होती है साथ ही ऐसे व्यक्तियों के व्यवसाय में परिवर्तन भी होता रहता है।
५, ८, १०, १६, १८, २०, २८, ५२ व ९४ वें वर्ष अनिष्टकारी होते हैं, ५ वें वर्ष में वृक्ष, १६ वें वर्ष में शत्रु, १८ वें वर्ष में कर्ण पीड़ा, २० वें वर्ष में अत्यंत पीड़ा और ४८ वें वर्ष में मृत्यु तुल्य कष्ट होता है, मिथुन राशि वाले व्यक्ति बाल्यावस्था में अति सुखी, मध्यमावस्था में अल्प सुखी और वृद्धावस्था में दुःखी होते हैं, यदि चंद्रमा की शुभ दृष्टि हो तो ऐसे व्यक्तियों की औसत आयु ८० वर्ष तक की रहती है, प्रतिपदा, सप्तमी और द्वादशी तिथि मिथुन राशि वालों के लिए अनिष्टकारी होती है, वृषभ, सिंह, कन्या व तुला राशि वाले व्यक्तियों से इन्हें सहयोग प्राप्त होता रहता है, कर्क राशि वालों से इनकी शत्रुता रहती है, मिथुन राशि वालों के लिए पन्ना अत्यंत शुभकारी रहता है किंतु वैशाख मास, शुक्ल पक्ष, द्वादशी तिथि, बुधवार, हस्त नक्षत्र एवं दोपहर का समय इनके लिए अनिष्टकारी रहता है।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
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