राहु व केतु गोचर परिवर्तन विशेष: जानिए राहु-केतु गोचर परिवर्तन में ध्यान देने योग्य कुछ विचारणीय तथ्य
राहु-केतु गोचर परिवर्तन से जुड़े कुछ विचारणीय तथ्य
राहु व केतु अन्य ग्रहों के स्वभाव के विपरीत एक राशि पीछे की तरफ जाते हुए गोचर परिवर्तन करते हैं राहु व केतु की गति बहुत अधिक धीमी होने के कारण से आकाश गंगा में सभी ग्रह व राशि उनके आगे निकल जाते हैं जिस कारण से राहु व केतु हमें पीछे की ओर जाते हुए दिखाई देते है जिसके कारण राहु व केतु को ज्योतिष शास्त्र में सदा ही वक्री गति से चलने वाले ग्रह की श्रेणी में रखा गया है अतः 23 सितंबर को राहु मिथुन से वृषभ तो केतु धनु से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे यहाँ विचारणीय विषय यह है कि राहु सर्वाधिक पापाग्रह है और उनका मुख्य स्वभाव उनका पाप प्रभाव प्रदान करना है अर्थात विच्छेदात्मक प्रभाव प्रदान करना राहु का स्वभाव है और यहाँ राहु वृषभ राशि से गोचर करेंगे जो कि ऐश्वर्य और भोग कारक ग्रह शुक्र की साधारण राशि है अतः भोग कारक ग्रह शुक्र की राशि से राहु का गोचर विशेष फल प्रदान करने वाला होगा, यदि आपकी कुंडली में राहु शुभ स्थिति में बलाबल के साथ है तो इस बार का राहु का यह गोचर आपको निश्चय ही बहुत शुभ फल प्रदान करने वाला होगा राहु व केतु अकास्मिक फल प्रदान करने वाले ग्रह होते हैं लेकिन इस बार केतु के फल को अलग से विशेष महत्व देना होगा क्योंकि राहु का गोचर वृषभ राशि से होगा जो कि शुभ है किंतु केतु, मंगल की साधारण राशि वृश्चिक से गोचर करेंगे और केतु का यह गोचर उग्रता, विवाद, लड़ाई-झगड़े, अग्नि से चोट व नुकसान, एक्सीडेंट को बढ़ावा देने वाला सिद्ध होगा अभी भी राहु और केतु ने जनमानस को इस स्थिति में डाला (वायरस जन रोगों का मुख्य कारक केतु को माना गया है) वहीं राहु व केतु के गोचर परिवर्तन से बदलाव भी देखने को मिलेंगे तथा साथ ही साथ केतु का जो यह गोचर मंगल की राशि पर होगा और मंगल के समान फल देने वाला केतु, मंगल के समान प्रभाव और स्वभाव बनाकर उग्रता, मार-पीट, उन्माद, चोट, एक्सीडेंट, अग्नि से चोट व नुकसान, भूकंप आदि की वृद्धि करने वाला होगा।
राहु और केतु का यह गोचर बहुत बड़े बदलाव लेकर आएगा क्योंकि राहु को पापाग्रह की श्रेणी में रखा गया है तथा केतु शुभ ग्रह की श्रेणी में रखा गया है किंतु राहु के ठीक सामने केतु के स्थित रहने के कारण से केतु के प्रभाव भी पाप फल की श्रेणी में आ जाते हैं तथा इस बार राहु का यह गोचर वृषभ राशि से होगा जो कि विशेष रूप से शुभ फलदाई होगा अतः यदि आपकी कुंडली में राहु व केतु शुभ स्थिति में है तो राहु व केतु का यह गोचर विशेष रूप से शुभ फल प्रदान करने वाला होगा, गोचर के प्रभाव ज्ञात करने के अनेक मत मिलते हैं जैसे कुछ विद्वान लग्न कुंडली से गोचरफल ज्ञात करते हैं तो कुछ विद्वान चंद्र कुंडली से गोचरफल ज्ञात करते हैं मैं राहु-केतु के गोचर परिवर्तन से मिलने वाले प्रभाव को चंद्र कुंडली आधारित अर्थात चंद्र राशि के अनुसार अगले भाग में बतायूँगा।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
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