संतान प्राप्ति में बाधा के योग: जानें बीज स्फुट व क्षेत्र स्फुट क्या होता है व इसे कैसे निकालते हैं
2` 10° 24' 3` 29° 45' + 5` 00° 34' --------------- 10`39°103' -----------------
इनका जोड़ हमें यह प्राप्त हुआ अब हमें पता है कि एक मिनट में 60 सेकंड होते है और 103', 60 से अधिक है अतः हम 103' से 60 को घटा देंगे।10`39°103' - 60 ------------------ 10` 40° 43' -----------------
अब हमें 10` 40° 43' प्राप्त हुआ चूँकि हमें पता है एक राशि अधिकतम 30° की होती है इसलिए हम 10` 40° 43' के 40° में से 30° को घटा देंगे।10` 40° 43' - 30 ------------------ 11` 10° 43' ------------------
हमें 11` 10° 43' जो प्राप्त हुआ यह बीज स्फुट कहलाता है अब आप सभी को याद होगा कि 11 वीं राशि कुंभ होती है तथा हमें शुरुवात में सभी ग्रह जिन राशि में बैठे हुए थे उनके ठीक पहले की राशि को लिया था अतः अब हम 11 में 1 और जोड़ देंगे तो हमें 12 प्राप्त होगा अतः हमें मीन राशि जो कि सम राशि होती है वह प्राप्त हुई अतः हम कह सकते हैं कि मीन राशि के 10° 43' अंश का नवमांश होगा जो कि मीन राशि का चतुर्थ नवमांश अर्थात तुला का नवमांश होगा। अब इसके फल में हम यह देख सकते हैं कि मीन राशि जो कि सम राशि और तुला नवमांश जो कि विषम राशि का नवमांश है प्राप्त होता है अतः बीज स्फुट का तीसरा सूत्र इसमें लागू होता अर्थात इनको संतान सुख कुछ विलंब के साथ प्राप्त होगा।