दैनिक पंचांग 4 सितंबर 2020 शुक्रवार (भृगुवासरे) "ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार" जानें वास्तु शास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार किस दिशा में होना अधिक शुभ होता है
दिनांक:- 04-सितंबर-2020 वार:- शुक्रवार (भृगुवासरे) तिथि:- द्वितीया 12:26 तक/तृतीया पक्ष:- कृष्ण पक्ष माह:- शुद्ध आश्विन नक्षत्र:- उत्तराभाद्रपदा 22:52 तक/रेवती योग:- शूल 14:30 तक/गण्ड करण:- गर 14:15 तक/वणिज अयन:- दक्षिणायण सूर्य:- सिंह चन्द्रमा:- मीन बुध:- कन्या गुरु:- धनु शुक्र:- कर्क शनि:- धनु राहु:- मिथुन केतु:- धनु सूर्योदय:-5:46 (काशी) सूर्यास्त:- 18:14 (काशी) चंद्रोदय:- 19:44 (काशी) दिशा शूल:- पश्चिम निवारण उपाय:- जौं का सेवन ऋतु:- वर्षा ऋतु गुलिक काल:- 07:30 से 09:00 तक राहू काल:- 10:30 से 12:00 तक अभीजित:- 12:09 से 12:57 तक विक्रम सम्वंत:- 2077 शक सम्वंत:- 1942 युगाब्द:- 5122 सम्वंत सर नाम:- प्रमादी चोघङिया दिन चंचल:- 06:14 से 07:49 तक लाभ:- 07:49 से 09:24 तक अमृत:- 09:24 से 10:59 तक शुभ:- 12:34 से 14:09 तक चंचल:- 17:19 से 18:51 तक चोघङिया रात लाभ:- 21:42 से 23:07 तक शुभ:- 00:32 से 01:57 तक अमृत:- 01:57 से 03:22 तक चंचल:- 03:22 से 04:47 तक
आज के विशेष योग वर्ष का 164वाँ दिन, भद्रा रात 27:31 से दि. 05 को सायं 16:39 तक-पृथ्वी लोक-अशुभ-ईशान, तृतीया का श्राद्ध, पंचक, गंडमूल प्रारंभ 23:28 से।
वास्तु टिप्स
उत्तरी ईशान कोण में बनाया गया मुख्य द्वार सर्वश्रेष्ठ होता है, इसके निर्माण से भवन के स्वामी को अनेक प्रकार के लाभ होते हैं।