दशा व उसका भोग्यकाल निकालने की सरल विधि----Astrology Sutras
दशा और आपके प्रश्न
जन्म के समय किस ग्रह की दशा थी और कितनी दशा भोग्य थी यह ज्ञात करने की सबसे सरल विधि को प्रस्तुत करता हूँ जो कि ज्योतिष के विद्यार्थियों के लिए तो वरदान साबित होगी ही साथ ही जनसामान्य भी इसको सरलता से ज्ञात कर सकेंगे तो सबसे पहले हम यह जानने का प्रयास करते हैं कि व्यक्ति का जन्म किस ग्रह की दशा में हुआ है।
दशा ज्ञात करने की विधि
व्यक्ति के जन्म के समय चंद्रमा जिस नक्षत्र में स्थित होंगे उस नक्षत्र के स्वामी की दशा में व्यक्ति का जन्म होता है।
दशा का भोग्यकाल ज्ञात करने की सरल विधि
जन्म के समय किसी ग्रह की कितनी दशा भोग्य थी यह ज्ञात करने के लिए सर्वप्रथम यह देखिए कि जन्म के समय किस नक्षत्र में है और जन्म के बाद कितने समय/घड़ी तक उस नक्षत्र में रहेगा, जितने समय/घड़ी तक चंद्रमा उस नक्षत्र में और रहेगा उन घड़ियों/समय को महादशा के मान से गुणा कर के 60 से भाग देने पर हमें यह ज्ञात हो जाता है कि दशा का भोग्यकाल कितना रहेगा।
20×16 16 ------------ = --------- = 5 शेष 4 60 6
अर्थात 5 वर्ष 4 माह और वह व्यक्ति जन्म के बाद गुरु की दशा भोगेगा। जय श्री राम। Astrologer:- Pooshark Jetly Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope) Mobile:- 9919367470