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वृश्चिक लग्न के लिए वर्ष 2020 कैसा रहेगा:-

वृश्चिक लग्न के लिए वर्ष 2020 बहुत अच्छा रहेगा पिछले साढ़े सात वर्ष से तुला, वृश्चिक और धनु राशि से गोचर कर रहे शनि के कारण से जो समस्याएं आईं अब उनका अंत होगा पिछले ढाई वर्ष से जो आपने धनार्जन व धन संचय के लिए संघर्ष किया अब उसका अंत होगा, दूसरे धन भाव से अपनी मूल त्रिकोण राशि धनु से गोचर कर रहा गुरु आमदनी में वृद्धि, प्रमोशन और नए काम की शुरुवात देगा यदि लंबे समय से कोई गंभीर बीमारी चल रही है तो उसका अंत होगा, कुटुंब की वृद्धि होगी, दूसरे भाव से गोचर कर रहा केतु आप के द्वारा बोली गयी बात को सच करेगा अतः थोड़ा सोच कर बोलें, घर में मांगलिक कार्यक्रम होंगे, कोई गंभीर बीमारी नही होगी तथा शत्रुओं से विजय प्राप्त होगी। 24 जनवरी 2020 को शनि गोचर बदलकर मकर राशि में जाएंगे और 29 मार्च को गुरु भी गोचर बदलकर मकर राशि में जाकर नीचभंग राजयोग बनाएंगे उस दौरान आपके कार्य क्षेत्र में उन्नति होगी, छोटे भाई-बहन यदि हैं तो उनका सहयोग प्राप्त होगा, विवाह के योग बनेंगे, नए मित्र बनेंगे, आमदनी में वृद्धि होगी, भाग्य का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा, पिता का सहयोग प्राप्त होगा तथा धर्म के कार्यों में रुचि होगी। आपकी कुंडली के अष्टम भाव से राहु का गोचर भी है अष्टम भाव से गोचर कर रहा राहु बहुत शुभ नही होता अतः स्वास्थ्य का ख्याल रखें 29 मार्च से 30 जून के बीच स्वास्थ्य में कोई परेशानी हो सकती है बाकी समय आपका स्वस्थ्य उत्तम रहेगा क्योंकि गुरु की दृष्टि छठे व अष्टम दोनों भावों पर रहेगी, अष्टम भाव जीवनसाथी के कुटुंब अर्थात परिवार को दर्शाता है अतः जीवनसाथी के परिवार की तरफ से कोई तनाव हो सकता है, अष्टम भाव गुप्त भाग को भी दर्शाता है अतः थोड़ा सावधान रहें विशेषतः यदि आप महिला है तो आपको विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, अष्टम से गोचर कर रहा राहु गले, पेट, मुँह की भी समस्या दे सकता है चूँकि गुरु के दूसरे भाव में बैठकर छठे, आठवें व एकादश भाव को देखने के कारण से कोई बहुत गंभीर बीमारी नही होगी फिर भी सतर्क रहें और तामसिक चीजों का यदि सेवन करते हैं तो उन्हें बंद कर दें। तीसरे भाव में आया हुआ शनि भी शुभ है ग्रंथकारों का भी मत है कि तीसरे भाव से शनि की शुभ यात्रा शुरू होती है क्योंकि शनि धन भाव को छोड़कर अब तक आपके द्वारा किए जा रहे प्रयास को सार्थक करेगा और भाई-बहन के संबंध को मधुर करेगा लेकिन शनि की तीसरी दृष्टि पंचम भाव में होने से संतान को थोड़ा कष्ट संभव है यदि आपकी कुंडली में पंचम भाव का स्वामी जिसे पंचमाधिपति भी कहते हैं (गुरु होता है) पर भी शनि की दृष्टि है तो यह योग और भी प्रबल हो जाता है, जो लोग संतान की चाह रखते हैं उनको कन्या संतान प्राप्ति के योग बनते दिख रहे हैं, जो विद्यार्थी तकनीकी क्षेत्र से पढ़ाई कर रहे हैं उनके लिए यह समय उत्तम रहेगा, धार्मिक यात्रा हो सकती है, विदेश यात्रा के भी योग बनते दिख रहे हैं, वाहन खरीदने के योग बन रहे हैं, घर में डेकोरेशन या मरम्मत का कार्य हो सकता है। जब भी मंगल मेष, मिथुन और तुला राशि से गोचर करेंगे तब थोड़ा सावधान रहें वह समय बहुत अच्छा नही रहेगा जिसमें जोखिम भरे कार्य भी करने पड़ सकते हैं, क्रोध पर नियंत्रण रखें व आवेश में आने से बचें मेरे अनुसार यदि वृश्चिक लग्न के व्यक्ति अमावस्या के दिन बहते पानी में नारियल प्रवाहित करें व नित्य सुंदरकांड का पाठ करें तो काफी अच्छा रहेगा।  बाकी कौन सा महीना आपके लिए कैसा रहेगा और उस महीने में कौन सा दिन आपके लिए शुभ है व कौन सा अशुभ इसके लिए मैं हर महीने गोचरफल लिखूँगा अतः आप सभी जुड़े रहें व अपना अनुभव भी समय के साथ साझा करते रहें। जय श्री राम। Astrologer:- Pooshark Jetly Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope) 9919367470