वृश्चिक लग्न और आप: जानिए, वृश्चिक लग्न वालों का व्यक्तित्व
वृश्चिक लग्न वालों का व्यक्तित्व
वृश्चिक लग्न काल पुरुष के अष्टम भाव अर्थात मृत्यु व गूढ़ रहस्यों का भाव की राशि है जो कि मोक्ष के त्रिकोण की राशि है अर्थात वृश्चिक लग्न वाले व्यक्ति ज्ञानी, विद्वान, अनेक शास्त्रों को जानने वाले, देव, गुरु व पिता भक्त, क्लेश सहने वाले, मृत्यु से भी परे वाली सोच रखने वाली अर्थात कठिन से कठिन या असंभव भरी किसी निराशाजनक स्थिति में भी पूर्ण क्षमता के साथ अपनी युक्ति के बल पर विजय प्राप्त करने वाले होते हैं, इनका हिर्दय निर्मल व धार्मिक होता है, वृश्चिक लग्न वाले व्यक्तियों का रूप सुंदर और जाँघे व पैर गोल आकृति के होते हैं, इनके दोनो हाथ व पैर के अंगूठों में भी किसी प्रकार का अंतर देखा जा सकता है, इनके कलाई, छाती, लिङ्ग में तिल आदि चिन्ह व उदर या अन्य किसी भाग पर मस्से का चिन्ह रहता है, वृश्चिक लग्न का स्वामी सेनापति मंगल होता है अतः वृश्चिक लग्न वाले व्यक्तियों का शरीर पुष्ट होता है, ऐसे व्यक्ति अत्यधिक सतर्क रहते हैं किंतु झगड़ालू होते हैं, विवाद में वह पक्ष-विपक्ष की बात तथा अपनी हानि का भी विचार नही कर दृढ़ता तथा संलग्नता पूर्वक झगड़े में लग जाते हैं, ऐसे व्यक्तियों को क्रोध अति शीघ्र आता है और झगड़े के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं, वृश्चिक लग्न वाले व्यक्ति काने को काना कह कर पुकारने में भी तनिक नही हिचकिचाते क्योंकि वृश्चिक लग्न के व्यक्ति सच्ची बात को स्पष्ट रूप से कहने वाले होते हैं, वृश्चिक लग्न वाले व्यक्तियों को बदला चुकाए बिना रहना मुश्किल होता है, ऐसे व्यक्ति अपने उचित अथवा अनुचित ध्येय के लिए अथक परिश्रम करते हैं और गुरुजनों से भी हठ कर बैठते हैं, वृश्चिक लग्न के व्यक्ति कभी उच्च पद पर नियुक्त होने से अथवा अन्य किसी कारणों से प्रायः उच्च पद के व्यक्ति होते हैं और इनका बर्ताव व व्यवहार भयावह होता है।
वृश्चिक लग्न वाले व्यक्ति अपने शत्रुओं पर भी जल्दी प्रहार नही करते किंतु जब यह प्रहार करते हैं तो बड़े से बड़े शत्रु भी इनके आगे टिक नही पाते क्योंकि ऐसे व्यक्ति पूर्ण रणनीति के साथ आक्रमण करते हैं जिस प्रकार से बिच्छु के डंक से बचना लगभग असंभव होता है ठीक उसी प्रकार वृश्चिक लग्न वाले व्यक्तियों के आक्रमण से बचना मुश्किल होता है, वृश्चिक लग्न के व्यक्तियों का दिल साफ होता है तथा अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण तरह से जीवन जीना इन्हें पसंद होता है, वृश्चिक लग्न वाले व्यक्तियों के माता-पिता के मध्य प्रायः विवाद होते ही रहते हैं तथा इन्हें भी कई प्रकार के क्लेश सहन करने पड़ते हैं, वृश्चिक लग्न वाले व्यक्ति अत्यंत रूखे और जोशीले होते हैं, इनमे सहन शक्ति काफी अधिक होती है तथा ऐसे व्यक्ति अपने क्रोध को अंत समय तक संभालने का पूर्ण प्रयास करते हैं किंतु परिस्थिति वश कई बार इनका क्रोध ज्वालामुखी रूप में बाहर आता है और अगले ही पल वृश्चिक लग्न वाले व्यक्ति अपने क्रोध को शांत कर अपनी गलतियों के प्राश्चित हेतु लग जाते हैं, वृश्चिक लग्न वाले व्यक्ति स्त्री प्रिय होते है साथ ही यदि कोई महिला वृश्चिक लग्न हों तो उपरोक्त गुण के अतिरिक्त सुंदर, आज्ञाकारी, भाग्यवती, सुशीला, सच्ची, अनंदप्रिया और अच्छे चाल-चलन वाली होती है, वृश्चिक लग्न वाले व्यक्तियों को प्रायः उदर संबंधित समस्याएं बनी रहती है तथा इन्हें कंठ व फेफड़ों को सुरक्षित रखना चाहिए, मल-मूत्रादि की साफ-सफाई का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए, छूत वाली बीमारी वाले लोगों से भी दूर रहने का प्रयास करना चाहिए।
वृश्चिक लग्न वालों के लिए सूर्य और चंद्र शुभ फल देने वाले ग्रह होते हैं इन दोनों का किसी भी प्रकार से संबंध बनना राजयोग तुल्य सुख देता है, बुध व बृहस्पति का योग धन वृद्धि व ख्याति के योग बनाती है, बृहस्पति भी शुभ फल देने वाला ग्रह होता है, बुध, शुक्र व शनि शुभ फल नही देते हैं, सिंह का नवमांश रहने से व्यक्ति के प्राकृतिक गुणों का पूर्ण विकास होता है।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
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