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11 मई 2021 मंगलवार "भौमवासरे" का पंचांग "ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार" जानिए, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र के अनुसार दहलीज का किस स्थान पर होना शुभ होता है

11 मई 2021 मंगलवार "भौमवासरे" का पंचांग "ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार" जानिए, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र के अनुसार दहलीज का किस स्थान पर होना शुभ होता है

  आज का पंचांग आज का पंचांग  

दिनांक:- 11 मई 2021 वार:- मंगलवार (भौमवासरे) तिथि:- अमावस्या रात्रि ११:२७ तक तदोपरांत प्रतिपदा पक्ष:- कृष्ण पक्ष रात्रि ११:२७ तक तदोपरांत शुक्ल पक्ष माह:- वैशाख गोल:- उत्तर नक्षत्र:- भरणी रात्रि १०:५४ तक तदोपरांत कृत्तिका योग:- सौभाग्य रात्रि १०:१९ तक तदोपरांत शोभन करण:- चतुष्पाद उपरांत नाग दिनमान:- ३२:५४ सूर्य:- मेष औदयिक सूर्य स्पष्ट:- २६°१४'४७" चंद्रमा:- मेष मंगल:- मिथुन बुध:- वृषभ गुरु:- कुंभ शुक्र:- वृषभ शनि:- मकर राहु:- वृषभ केतु:- वृश्चिक अयन:- उत्तरायण सूर्योदय:- ०५:२५ (काशी) सूर्योदय:- ०५:३७ (दिल्ली) सूर्यास्त:- ०६:३५ (काशी) सूर्यास्त:- ०६:५८ (दिल्ली) दिशा शूल:- उत्तर निवारण उपाय:- गुड़ का सेवन ऋतु:- वसंत ऋतु गुलिक काल:- १२:०० से १३:३० राहु काल:- १५:०० से १६:३० अभिजीत मुहर्त:- १२:०३ से १२:५१ विक्रम संवत:- २०७८ संवत्सर नाम:- आनंद शक संवत:- १९४३ युगाब्ध:- ५१२३

  मनोकामनेश्वर महादेव मनोकामनेश्वर महादेव  

सूर्योदयकालीन दैनिक स्पष्टभौमादिग्रह

मंगल:- १५°३७'५४" बुध:- १४°४८'४४" गुरु:- ०६°४६'२३" शुक्र:- ०९°०७'३०" शनि:- १५°२०'५६" राहु:- १७°४१'५९" केतु:- १७°४१'५९"

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चौघड़िया दिन

चंचल:- ०९:०६ से १०:४६ लाभ:- १०:४६ से १२:२६ अमृत:- १२:२६ से १४:०६ शुभ:- १५:४६ से १७:२६

चौघड़िया रात

लाभ:- २०:२८ से २१:४८ शुभ:- २३:०८ से ००:२८ अमृत:- ००:२८ से ०१:४८ चंचल:- ०१:४८ से ०३:०८

आज के विशेष योग

वर्ष का २९वाँ दिन, स्नान-दान व श्राद्ध की अमावस्या, भौमवती अमावस्या, देवपितृ कार्य अमावस्या, भावुका अमावस्या, श्री शुकदेव जयंती, मेला पुर पिंजौर (हरियाणा), यदि अमावस्या के दिन मंगलवार पड़े तो उस दिन गंगा स्नान करने से करोड़ों सूर्य ग्रहण में स्नान करने के समान फल मिलता है, पपवार व अमावस्या की युति दुर्भिक्ष तथा प्रजा के लिए भयकारक होती है, कृत्तिका नक्षत्र का सूर्य दिन में ०३:५४ से, सर्वार्थ सिद्धि योग रात्रि १०:५४ से, अन्वाधान।

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वास्तु टिप्स

मुख्य द्वार पर दहलीज होनी शुभ होती है जिसका प्रचलन आज-कल समाप्त सा हो गया है।