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21 जून 2020: सूर्य ग्रहण जानें, देश के प्रमुख शहरों में ग्रहण समय और ग्रहण क्यों लगता है व ग्रहण काल में क्या करना चाहिए

21 जून 2020: सूर्य ग्रहण जानें, देश के प्रमुख शहरों में ग्रहण समय और ग्रहण क्यों लगता है व ग्रहण काल में क्या करना चाहिए

  21 जून सूर्य ग्रहण 21 जून सूर्य ग्रहण  

ग्रहण लगने का ज्योतिषीय कारण:-

  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य व चंद्रमा गोचर में राहु व केतु से युति करते हैं और अंशात्मक रूप से उनमें का अंतर होता है तब ग्रहण लगता है क्योंकि उस अवस्था में सूर्य व चंद्र की छाया धरती को स्पर्श नही कर पाती है सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन तो चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन लगता है।   सूर्य ग्रहण सूर्य ग्रहण  

भारत के प्रमुख शहरों में ग्रहण समय:-

  21 जून 2020 को लगने वाला सूर्य ग्रहण मिथुन राशि व मृगशिरा नक्षत्र में लगेगा जिस कारण मिथुन लग्न व मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों को यह ग्रहण नही देखना चाहिए, भारत के प्रमुख शहरों में ग्रहण का समय कुछ इस प्रकार है:-   दिल्ली:- 10 बजकर 46 मिनट से 2 बजकर 17 मिनट तक   मुम्बई:- 10 बजकर 1 मिनट से 1 बजकर 28 मिनट तक   कलकत्ता:- 10 बजकर 46 मिनट से 2 बजकर 17 मिनट तक   बैंगलुरु:- 10 बजकर 1 मिनट से 1 बजकर 32 मिनट तक   लखनऊ:- 10 बजकर 27 मिनट से 1 बजकर 59 मिनट तक   राजकोट:- 9 बजकर 59 मिनट से 1 बजकर 26 मिनट तक   हरिद्वार:- 10 बजकर 24 मिनट से 1 बजकर 51 मिनट तक   वाराणसी (काशी):- 10 बजकर 31 मिनट से 2 बजकर 4 मिनट तक   जयपुर:- 10 बजकर 15 मिनट से 1 बजकर 44 मिनट तक   सीकर:- 10 बजकर 15 मिनट से 1 बजकर 43 मिनट तक   सालासर:- 10 बजकर 14 मिनट से 1 बजकर 44 मिनट तक   जोधपुर:- 10 बजकर 8 मिनट से 1 बजकर 36 मिनट तक  

सूर्य ग्रहण में क्या करें:-

  सूर्य ग्रहण के दौरान स्नान, जप व यज्ञ करना चाहिए तथा ग्रहण खत्म होने पर दान देने का विधान है सौर पुराण के अनुसार मनुष्य जितने भी दान अपने जीवनकाल में कर के पुण्य अर्जित करता है वह सभी पुण्य मनुष्य को सिर्फ ग्रहण बाद दान करने से ही मिल जाता है।  

विशेष:-

  मन्वर्थ मुक्तावली के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान अदित्यहिर्दय स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए।  

सूर्य ग्रहण में क्या न करें:-

  १. ग्रहण काल के दौरान मांगलिक कार्यक्रम निषेध माना गया है अतः सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी मांगलिक कार्यक्रम नही करना चाहिए।   २. शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल के दौरान मूर्ति स्पर्श वर्जित होता है।   ३. शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान अन्न व कटी हुई सब्जियों का त्याग करना चाहिए।  

विशेष:-

  घी, तेल, दूध, दहीं, मक्खन, पनीर, खोआ, दूध से बने सभी पदार्थ, अचार व मुरब्बों पर कुशा या तुलसी पत्ता रख देने यह सामग्रियाँ दूषित नही होती हैं।   जय श्री राम। Astrologer:- Pooshark Jetly Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope) Mobile:- 9919367470