भौम प्रदोष व्रत
हर माह की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है जब त्रयोदशी तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है तो उसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है शास्त्रों के अनुसार भौम प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को कर्ज से शीघ्र मुक्ति मिलती है, शास्त्रों के अनुसार जो भी व्यक्ति भौम प्रदोष का व्रत करते हुए मंगल के २१ नामों का जप करते हुए व कथा पढ़ते हुए शिव जी व हनुमान जी की उपासना करता है उसके सभी अमंगल दूर हो जाते हैं तथा कर्ज से शीघ्र छुटकारा मिल जाता है।
व्रत विधि:-
भौम प्रदोष व्रत विधि व मंगल के २१ नाम
प्रातः स्नानादि कर दाहिने हाथ में लाल पुष्प, रोली, अक्षत, सुपाड़ी, जल व कुछ दक्षिणा लेकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए तदोपरांत पूरे दिन निराहार व्रत रखना चाहिए और संध्या में प्रदोष काल के समय भगवान शिव जी और हनुमान जी की पूजा अर्चना करनी चाहिए और मंगल के २१ या १०८ नामों का उच्चारण व भौम प्रदोष व्रत कथा का वाचन करना चाहिए व प्रसाद के सेवन पश्चात अन्न ग्रहण करना चाहिए।
भौम प्रदोष व्रत कथा
एक नगर में एक वृद्ध महिला अपने पुत्र के साथ रहती थी वृद्ध महिला को हनुमान जी के प्रति गहरी आस्था थी व वह प्रत्येक मंगलवार के दिन व्रत रखकर हनुमान जी की उपासना करती थीं एक बार हनुमान जी ने उस वृद्ध महिला की श्रद्धा व भक्ति भाव की परीक्षा लेने का सोचा और साधु रूप धारण कर वृद्ध महिला के घर पधारे और कहने लगे कि क्या कोई हनुमान जी भक्त है जो मेरी एक इच्छा पूर्ण करेगा यह वचन सुनकर वृद्ध महिला द्वार पर आ गयी और बोली हे साधु महाराज आज्ञा करें मैं आपकी किस प्रकार से सहायता कर सकती हूँ तब साधु वेशधारी हुनमान जी कहने लगे कि मुझे तीव्र क्षुधा लगी है, मैं भोजन करना चाहता हूँ अतः आप जमीन पर मिट्टी का लेप लगाकर चूल्हा तैयार कर दें इस पर वह वृद्ध महिला बोलीं कि हे साधु आप मिट्टी से जमीन को लीपने व गड्ढा खोदने के अतिरिक्त अन्य कोई आज्ञा दे दें मैं उसे अवश्य पूर्ण करूँगी।
साधु वेशधारी हनुमान जी ने वृद्ध महिला को तीन बार प्रतिज्ञा दिलवाई और कहा कि आप अपने पुत्र को बुला दीजिए मैं उसकी पीठ पर अग्नि प्रज्वलित कर भोजन बनाऊँगा इतना सुनते ही वृद्ध महिला घबरा गयीं किंतु प्रतिज्ञा में बँधे होने के कारण उन्होंने अपने पुत्र को बुलाकर साधु वेशधारी हनुमान जी को सौंप दिया व पुनः अंदर चली गयी कुछ समय पश्चात साधु वेशधारी हनुमान जी ने वृद्ध महिला को पुनः बुलाकर कहा कि भोजन तैयार हो गया है आप भी अपने पुत्र को बाहर बुला लें ताकि वो भी इस भोजन को ग्रहण कर सके यह सुनकर वृद्ध महिला हाथ जोड़कर निवेदन करने लगीं कि हे साधु महाराज मेरे मृत पुत्र का नाम लेकर मुझे और कष्ट न दें किंतु साधु महाराज के न मानने पर उन्होंने अपने पुत्र को आवाज दी और अपने पुत्र को जीवित पाकर अचंभित हो साधु वेशधारी हनुमान जी के चरणों में गिर पड़ीं तब हनुमान जी अपने मूल स्वरूप में आए व कहने लगे कि मैं आपकी श्रद्धा और भक्ति की परीक्षा लेने आया था और उसमें आप सफल हुईं व हनुमान जी ने उन महिला को सभी अमंगल से मुक्ति व अपनी भक्ति का आशीर्वाद दिया।
शास्त्रों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति कर्ज में डूब गया हो या उसके साथ निरंतर कुछ न कुछ अमंगल हो रहा हो तो उसे भौम प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए ऐसा करने से हनुमान जी व शिव जी की कृपा से व्यक्ति के सभी अमंगल दूर हो जातें हैं व वह कर्ज से शीघ्र ही मुक्त हो जाता है।
जय श्री राम।Astrologer:- Pooshark JetlyAstrology Sutras (Astro Walk Of Hope)Mobile:- 9919367470, 7007245896Email:- pooshark@astrologysutras.com