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चंद्र ग्रहण: 5 जून 2020 यदि आपकी कुंडली में भी है यह योग तो हो जाएं सावधान

चंद्र ग्रहण: 5 जून 2020 यदि आपकी कुंडली में भी है यह योग तो हो जाएं सावधान

  चंद्र ग्रहण 5 जून 2020 चंद्र ग्रहण 5 जून 2020   5 जून 2020 को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा की रात्रि ज्येष्ठा नक्षत्र पर लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दृश्य नही होगा किंतु इसकी छाया भारत पर पड़ने के कारण से इसका प्रभाव जन सामान्य व कोरोना पर देखने को मिलेगा।  

यदि आपकी कुंडली में है यह योग तो हो जाएं सावधान:-

  . यदि किसी की कुंडली में चंद्रमा 6, 8, 12 भावों में हो। २. यदि चंद्रमा, राहु-केतु से युत हो अर्थात राहु या केतु के साथ बैठा हो ३. यदि चंद्रमा , राहु या शनि या दोनों से दृष्ट हो अर्थात राहु या शनि या दोनों की दृष्टि चंद्रमा पर पड़ती हो। . यदि  चंद्रमा शुभ भाव का स्वामी होकर अशुभ भाव  में बैठा हो। इन परिस्थितियों वाली कुंडली के जातक/जातिका पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव देखने को मिलेगा।  

ग्रहण काल व समय:-

  ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा की रात्रि को 11 बजकर 15 मिनट 58 सेकंड पर ज्येष्ठा नक्षत्र पर इस ग्रहण का स्पर्श होगा व 5 जून की मध्य रात्रि में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि व ज्येष्ठा नक्षत्र पर 2 बजकर 32 मिनट 3 सेकंड तक रहेगा अर्थात ग्रहण काल की कुल अवधि 3 घंटे 15 मिनट 42 सेकंड रहेगी।  

कोरोना पर भी पड़ेगा इस ग्रहण का प्रभाव:-

  चंद्र ग्रहण और कोरोना पर प्रभाव चंद्र ग्रहण और कोरोना पर प्रभाव   यदि इस समय के गोचर को देखा जाए तो शनि, गुरु, शुक्र वक्री अवस्था में गोचर कर रहे हैं व 18 जून को बुध भी वक्री हो जाने से कुंडली के 4 मुख्य ग्रह वक्री हो जाएंगे और लगातार हर 15 दिन में 1 ग्रहण अर्थात लगातार 3 ग्रहण पड़ने के कारण से कुंडली के दो सबसे मुख्य ग्रह सूर्य व चंद्र दोनों पीड़ित हो जाएंगे इस प्रकार कुल 6 ग्रह आने वाले 1 माह 10 दिन तक पीड़ित रहेंगे और राहु व केतु अपनी उच्च राशि से गोचर करने के कारण से और प्रभावी रहेंगे जिसका सीधा प्रभाव कोरोना पर भी पड़ेगा और जिसकी शुरुवात 5 जून की मध्य रात्रि से हो जाएगी।   प्रथम ग्रहण:- चंद्र ग्रहण 5 जून को   द्वितीय ग्रहण:- सूर्य ग्रहण 21 जून को   तृतीय ग्रहण:- चंद्र ग्रहण 5 जुलाई को   अतः आने वाले जून व जुलाई माह में कोरोना मरीजों की संख्या और तेजी से बढ़ती हुई नजर आएगी और कोरोना का प्रभाव अगस्त और सितंबर में भी बढ़ता दिखेगा अर्थात जून से सितंबर तक का समय ऐसा होगा जब कोरोना का प्रभाव अपने चरम पर होगा और सितंबर के अंत में राहु व केतु के गोचर बदलने से कुछ राहत अनुभव होगी व अक्टूबर-नवंबर में इसका प्रभाव कम होना शुरू होगा तथा नवंबर के अंतिम भाग या दिसंबर के मध्य भाग तक बड़ी राहत अनुभव होगी।   जय श्री राम। Astrologer:- Pooshark Jetly Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope) Mobile:- 9919367470