आप सभी जब किसी ज्योतिषी के पास जाते हैं तो वह बताते हैं कि आपका जन्म इस लग्न में हुआ है तो आखिर वह लग्न क्या है मैं आप सभी को लग्न क्या होता है सबसे आसान शब्दों में बताता हूँ:-
व्यक्ति के जन्म के समय जो राशि पूर्व दिशा की ओर उदित हो रही हो उसे लग्न कहते हैं।
एक लग्न की समय अवधि 2 घंटे रहती है अतः 2 घंटे पश्चात लग्न बदल जाता है कुंडली के सभी भावों में लग्न सबसे महत्वपूर्ण होता है इससे व्यक्ति के स्वभाव, चरित्र, रुचि और विशेषताओं के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है, कुंडली के प्रथम भाव को लग्न कहा जाता है जिससे व्यक्ति की कद-काठी, रुचि, व्यक्तित्व, चरित्र, दिलचस्पी, स्वभाव, मुखमंडल अर्थात चेहरे की बनावट, दिमाग का स्तर आदि के बारे में बताया जा सकता है।
लग्न में केंद्र व त्रिकोण दोनों का समावेश रहता है जिस कारण से लग्न अर्थात प्रथम भाव, बाकी सभी भावों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, लग्न के स्वामी को हम लग्नेश के नाम से जानते हैं जैसे घर का मुखिया, घर के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है और घर का संचालन किस तरह से हो रहा उस पर निर्भर करता है ठीक उसी प्रकार लग्न व लग्नेश की स्थिति पर कुंडली के अधिकांश फल निर्भर होते हैं प्रत्येक लग्न के लिए कुछ ग्रह शुभ तो कुछ अशुभ होते है जिनकी स्थिति पर ही कुंडली के विभिन्न योगों का फलित होना निर्भर होता है।
कौन से ग्रह किस लग्न के लिए शुभ होते हैं और कौन से अशुभ इसको मैं अगले लेख में समझायूँगा अतः आप सभी हमसे जुड़े रहें व अपना अनुभव भी समय-समय और साझा करते रहें।
Astrologer:- Pooshark JetlyAstrology Sutras (Astro Walk Of Hope)9919367470