शनि जयंती 10 जून 2021: शनि के अशुभ फल में कमी लाने हेतु करें यह खास उपाय
शनि के अशुभ फल में कमी लाने हेतु करें यह खास उपाय
१० जून २०२१ को शनि जयंती पड़ रही है शनि को न्याय का देवता कहा गया है शनि हमें हमारे कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं जिन लोगों की कुंडली में शनि की स्थिति अशुभ हो उन्हें जीवन में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है उनके कार्यों में बाधाएं आती हैं तथा किसी भी काम में पूरी एकाग्रता नहीं बन पाती है समस्त नव ग्रहों में शनि बहुत धीमी गति से भ्रमण करते है जिस कारण उन्हें एक राशि पार करने में ढाई वर्ष लगते हैं वर्तमान में शनि मकर राशि में वक्री अवस्था में गोचर कर रहे हैं।
जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ होता है, उनके दैनिक जीवन में कुछ खास घटनाएं होने लगती हैं जिनसे हम बिना कुंडली देखे ही ये अंदाजा लगा सकते हैं कि शनि हमारी कुंडली में शुभ है या अशुभ तो आइए जानते हैं उन घटनाओं के बारे में:-
कुंडली में शनि के अशुभ होने की पहचान
१. जिसकी कुंडली में शनि अशुभ होता है उनके जूते-चप्पल बार-बार टूट जाते हैं या गुम हो जाते हैं।
२. यदि शनि अशुभ हो तो व्यक्ति नया ज्ञान प्राप्त नहीं कर पाता है, पढ़ाई में मन नहीं लगता और इस क्षेत्र में उसे कोई उपलब्धि भी प्राप्त नहीं हो पाती है।
३. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ हो तो उसका विवाह होते ही ससुराल पक्ष में कोई हानि हो सकती है।
४. यदि कोई व्यक्ति घर बनवा रहा है और कोई अशुभ घटना घर बनवाते वक्त हो जाए तो यह शनि के अशुभ होने का संकेत है।
५. कुंडली में शनि अशुभ हो तो व्यक्ति का मन बुराई की ओर, कुसंगति, नशे की ओर झुकने लगता है।
६. शनि यदि अशुभ हो तो जमा धन का नाश होता है, कोई बीमारी हो जाती है और शरीर कमजोर होने लगता है।
७. कुंडली में शनि की विपरीत स्थिति के कारण व्यक्ति आलसी हो जाता है इस कारण उसके काम ठीक तरह से नहीं हो पाते हैं और सफलता दूर होती जाती है।
८. जब किसी व्यक्ति के चेहरे पर हमेशा थकान, तनाव दिखाई देने लगे तो यह भी शनि के अशुभ होने का संकेत है।
९. शनि यदि अशुभ हो तो जवानी में ही व्यक्ति के बाल सफेद हो जाते हैं और बाल झड़ने लगते हैं और व्यक्ति को जोड़ों में दर्द रहता है।
१०. शनि अशुभ होने पर आंखें कमजोर हो जाती हैं, कमर दर्द की शिकायत रहती है।
शनि जयंती पर करें यह विशेष उपाय निश्चित ही लाभ होगा:-
शनि जयंती के खास उपाय
१. काली उर्द, काला तिल, सरसों का तेल किसी निम्न वर्ग के प्राणी को दक्षिणा के साथ दान करें।
२. सरकारी अस्पतालों में दवाईयां दान करें।
३. हनुमान जी को तिल के तेल में सिंदूर घोलकर लगाएं तथा सुंदरकांड का पाठ करे व ११ बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
४. २१ आम के पत्तों पर चंदन से "राम" लिखकर उन पत्तो को एक के ऊपर एक रखें उसके बाद उस आम के पत्ते को मौली से लपेटकर २१ गांठ लगाएं तथा शनि मंत्रों का १ माला जाप कर के उन पत्तों को किसी पीपल वृक्ष के पास रखें या नदी में प्रवाहित करें तथा पीपल वृक्ष को सरसों के तेल का दिया अर्पित कर के १०८ बार "नमः शिवाय" मन्त्र का जाप करें।
५. छाया दान करें।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
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